संभागायुक्त श्री आशीष सक्सैना ने गुरूवार को उक्त आश्य के विचार न्यू कलेक्ट्रेट के सभाकक्ष में जिले की स्वास्थ्य सेवाओं तथा महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा संचालित योजनाओं की समीक्षा बैठक में व्यक्त किए। बैठक में कलेक्टर श्री संजय कुमार, स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त संचालक डॉ. एके दीक्षित, महिला एवं बाल विकास विभाग की संयुक्त संचालक श्रीमती सीमा शर्मा, मुख्य चिकित्सा एवं स्वासथ्य अधिकारी डॉ. एसएन उदयपुरिया, जिला चिकित्सालय के सिविल सर्जन डॉ. एसएन शाक्य, महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी श्री महेन्द्र सिंह अम्ब सहित अधिकारीगण उपस्थित थे।
संभागायुक्त श्री सक्सैना ने बैठक में स्वास्थ्य एवं बाल और बाल विकास विभाग की योजनाओं की समीक्षा के दौरान निर्देश दिए कि स्वास्थ्य और महिला बाल विकास की संयुक्त जिम्मेदारी है कि गर्भवती महिलाएं एएनसी के दौरान सभी जांच एवं टीकाकरण समय पर हो। इसके लिए प्रत्येक महिला के स्वास्थ्य कार्ड का संधारण भी हो। एनएएम एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ता द्वारा जांच एवं टीकाकरण की भी जानकारी दी जाए। साथ ही एक सॉफ्टवेयर भी विकसित करें कि एसएमएस के माध्यम से गर्भवती महिलाओं के मोबाईल या उनके परिवार के किसी सदस्य के मोबाईल पर उनकी जांच एवं टीकाकरण की सूचना मिल सके। जिससे निर्धारित तिथि पर जांच करा सकें। इसके लिए जन जागरूकता अभियान भी चलाये। कमिश्नर ने निर्देश दिए कि हमें स्वास्थ्य सेवाओं को विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में सुधार लाना है। इसके लिए उप स्वास्थ्य केन्द्रों पर चिकित्सक एवं स्वास्थ्यकर्मी प्रातः 10.30 बजे से सायं 5.30 बजे तक उपस्थित होकर मरीजों का उपचार करें। उन्होंने निर्देश दिए कि जिला चिकित्सालय में मरीजों की बेहतर स्वास्थ्य सेवायें मिले स्वास्थ्य कर्मी समय पर उपस्थित हो और सेवा में सुधार की गुजाईंश को देखते हुए इसकी निगरानी सप्ताह में एक दिन जिला कलेक्टर अपने प्रतिनिधि के रूप में अधिकारियों को जबावदेही सुनिश्चत कर अपने स्तर पर समीक्षा भी करें।
संभागायुक्त श्री सक्सैना ने जिले में स्थित निर्सिगहोम एवं निजी चिकित्सालयों के माध्यम से मरीजों को स्वास्थ्य सेवायें मिले इसके लिए पात्रता रखने वाले नर्सिगहोमों को आयुष्मान योजना के तहत् पंजीयन कराये। जिससे आयुष्मान योजना के तहत् मरीजों को लाभ मिल सके।
ग्वालियर संभागायुक्त श्री आशीष सक्सैना ने आंगनबाड़ी केन्द्रों के संचालन की बैठक में समीक्षा करते हुए महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि 1 जनवरी 2021 से कोई भी आंगनबाड़ी केन्द्र निजी भवन एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के निवास पर संचालित नहीं होगी। निजी भवनों में किराये पर केन्द्र चलते पाए जाने पर कार्यवाही सुनिश्चित की जायेगी।
बैठक में कलेक्टर श्री संजय कुमार ने जिले में स्वास्थ्य सेवाओं पर चर्चा करते हुए कहा कि मरीजों को और बेहतर सुविधायें मिले इसके लिए विभिन्न समाजसेवी, स्वयंसेवी संगठनों, व्यापारी आदि संगठनों के साथ चर्चा कर कार्यवाही की जायेगी।
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