मंगलवार, 8 दिसंबर 2020

एक बार के लार्वा सर्वे एवं विनिष्टीकरण के बाद होती है मच्छरों की संख्या में 20 प्रतिशत की कमी : डॉ. हेमन्त गौतम

दतिया नगर में डेंगू, मलेरिया एवं फायलेरिया रोगों से बचाव के लिए निरंतर एनाफिलीज, एडीज एवं क्यूलैक्स मच्छरों के लार्वा की सर्वे कर खोज की जा रही है तथा पानी भरे कंटेनरों को लार्वा पाये जाने पर खाली कराया जा रहा है। साथ ही नालियों में विभिन्न स्थानों पर रूके पानी में लार्वा पाये जाने पर उसको कीटनाशक डालकर नष्ट किया जा रहा है। किसी भी क्षेत्र में मच्छर लार्वा सर्वे एवं विनिष्टीकरण की प्रक्रिया अपनाने पर एक बार में उस क्षेत्र अथवा गांव में 20 प्रतिशत मच्छरों की कमी आ जाती है। यह प्रक्रिया निरंतर अपनाये जाने पर मलेरिया, डेंगू और फायलेरिया जैसे कीटजनित रोगों पर अन्य विभागों और जनसहयोग से पूर्णतः नियंत्रण पाया जा सकता है। जिसकी अपेक्षा मलेरिया विभाग द्वारा की जाती है।

   जिला मलेरिया अधिकारी डॉ. हेमन्त गौतम ने बताया कि यह प्रक्रिया पूरे दतिया जिले में विभिन्न कस्बों, ग्रामों में भी डेंगू अथवा मलेरिया के केस पाये जाने पर आवश्यकतानुसार पूर्ण की जावेगी।
    




आज सर्वे टीमों द्वारा गुलाब सिंह गुर्जर, राकेश शर्मा, आर.एन. वर्मा के घन के सामने वाली नाली में पनप रहे मच्छर के लार्वा को कीटनाशक का छिड़काव कर नष्ट किया गया।

   टीमों में शामिल फील्ड वर्कर श्री रमेशचंद्र धनीराम, स्कॉट के साथी श्री नरेन्द्र, श्री राजकुमार रजक, श्री अरूण मांझी, श्री मेहराज रजा, प्रदीप पाल आदि ने लार्वा सर्वे के दौरान जगह-जगह लोगों को मच्छर से पैदा होने वाले लार्वा की पहचान और उन्हें नष्ट करने के तरीके बताये। 



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