शुक्रवार, 11 दिसंबर 2020

विश्व मानव अधिकार दिवस के अवसर पर विधिक साक्षरता शिविर संपन्न

म.प्र. राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जबलपुर के आदेश अनुसार एवं प्रशासन द्वारा कोविड-19 संबंधी जारी दिशा निर्देशों का पालन करते हुए जिला न्यायाधीश एवं अध्यक्ष श्रीमती सुनीता यादव के निर्देशन एवं सचिव, एडीजे श्री दिनेशकुमार खटीक के मार्गदर्शन में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण दतिया द्वारा विश्व मानव अधिकार दिवस के अवसर पर रासजेबी विद्यालय में विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया।   
   कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथियों ने माँ सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। जागरूकता शिविर में मुख्य अतिथि के रुप में जिला विधिक सहायता अधिकारी सुश्री अंकिता शांडिल्य उपस्थित रहीं व कार्यक्रम की अध्यक्षता रासजेबी पब्लिक स्कूल के डायरेक्टर श्री राजेश मोर ने की। विशिष्ट अतिथि के रूप में पैरालीगल वॉलेंटियर, समाजसेवी रामजीशरण राय उपस्थित रहे।
     कार्यक्रम में मानव अधिकार के संबंध में मुख्य अतिथि सुश्री अंकिता शांडिल्य द्वारा मानव अधिकार संरक्षण अधिनियम 1993 के बारे में व्यापक जानकारी देते हुए मानवाधिकार के अर्थ को स्पष्ट करते हुए बताया कि किसी भी व्यक्ति के जीवन स्वतंत्रता समानता एवं गरमा का अधिकार जो संविधान द्वारा सुनिश्चित अथवा अंतर्राष्ट्रीय भाषा में सन्निहित है तथा भारतीय न्याय मूल द्वारा लागू है बताया उन्होंने मानवाधिकारों में अधिकार एवं दायित्व शामिल है। राज्य मानव अधिकारों के गरिमा संरक्षण पर निबंध निर्वहन के लिए अंतर्राष्ट्रीय कानून के अंतर्गत अधिकार एवं दायित्व दोनों की कल्पना करता है। व्यक्तिगत स्तर पर जिस प्रकार हम अपने और मानवाधिकारों के हकदार हैं वही दूसरों के मानवाधिकारों का भी सम्मान हमें करना चाहिए। अध्यक्षता कर रहे श्री राजेश मोर द्वारा संस्थान के बारे में बताया कि कोई भी नागरिक अपने व्यवसाय में रहते हुए भी मानव अधिकार संरक्षक बन सकता है मानवाधिकार संरक्षक पेशेवर मानवाधिकार करता मानवाधिकार मामलों पर कुछ काम कर रहे वकील पत्रकार व्यापारिक संघ के लोग या विकास कार्यकर्ता हो सकते हैं।  
   विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रामजीशरण राय द्वारा बताया गया कि हमें अपने क्षेत्र में मानवाधिकारों के संरक्षण के लिए वंचित बनेरी लोगों की आवाज बनने की आवश्यकता है जो लोग अपनी आवाज नहीं उठा सकते उन्हें हम हैं। उनकी आवाज हम सबको मिलकर उठाना चाहिए और उन्हें प्रदत्त मानवाधिकार दिलाने में सहयोग करना चाहिए। इसी क्रम में पीएलबी शैलेंद्र सविता द्वारा विधिक सेवा प्राधिकरण की प्रदान की जाने वाली सेवाओं के बारे में व्यापक जानकारी देते हुए पैरालीगल वालंटियर के कार्य एवं दायित्व के बारे में बताया साथी पैरालीगल कौन बन सकते है बताया। प्रभारी प्राचार्य श्री अतुल जैन द्वारा सभी का अतिथियों का स्वागत करते हुए विधिक सेवा प्राधिकरण का धन्यवाद ज्ञापित किया जो खास दिन पर खास विषय को लेकर आयोजन किया गया उपस्थित छात्र-छात्राओं द्वारा किए गए प्रश्नों का अतिथि पैनल द्वारा सहज व सरल ढंग से समाधान किया गया साथी उनको प्रोत्साहित किया गया कि वे अपने ज्ञान को और ज्यादा प्रमाणित करने के लिए अधिक से अधिक प्रश्न करने की इच्छा को प्रबल करें।
   कार्यक्रम में कु. अंकिता शांडिल्य जिला विधिक सहायता अधिकारी ने बताया कि आज हम सभी  विश्व मानव अधिकार दिवस की 70 वी सालगिरह मना रहे है।  हर साल दिसंबर महीने की 10 तारीख को दुनियाभर में मानवाधिकार दिवस मनाया जाता है। संयुक्त राष्ट्र ने 1950 में 10 दिसंबर को मानवाधिकार दिवस के रूप में घोषित किया था। इसका उद्देश्य दुनियाभर के लोगों को मानवाधिकारों के महत्व के प्रति जागरूक करना है। 1948 में यूएन ने मानव अधिकारों की सर्वभौमिक घोषणा की। किसी भी व्यक्ति का जीवन, आजादी, बराबरी और सम्मान का अधिकार ही मानवाधिकार के अंतर्गत आता है, लेकिन ज्यादातर लोग अपने इन अधिकारों के बारे में अच्छे से नहीं जानते हैं। उन्हें इन अधिकारों से रूबरू कराने के लिए ही मानवाधिकार दिवस का आयोजन किया जाता है।
   मानव अधिकार व्यक्ति के जन्म से लेकर मृत्यु तक साथ चलते  है मौलिक अधिकार एवं स्वतंत्रता से है जिसके सभी व्यक्ति हकदार है। अधिकारों एवं स्वतंत्रताओं के उदाहरण के रूप में जैसे कि जीवन और आजाद रहने का अधिकार, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और कानून के सामने समानता एवं आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक अधिकार, सांस्कृतिक गतिविधियों में भाग लेने का अधिकार, भोजन का अधिकार काम करने का अधिकार एवं शिक्षा का अधिकार।
   इस अवसर पर विद्यालय के प्रभारी प्राचार्य अतुल जैन, भानवेन्द्र चतुर्वेदी, किशन गुप्ता, निखिल पमवानी आदि छात्र एवं छात्राएं आदि उपस्थित रहे। उक्त जानकारी पीएलव्ही शैलेन्द्र सविता ने दी। 

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